देश की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन, "द बॉर्डर रन", जैसलमेर में आयोजित होने वाली है। देश भर से 1,200 से ज़्यादा एथलीट इसमें हिस्सा लेंगे। यह मैराथन 6-7 दिसंबर, 2025 को लोंगेवाला सीमा चौकी पर आयोजित की जाएगी, जहाँ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराया गया था। इस युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में इस मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन श्रेणियों में आयोजित की जाएगी, जहाँ प्रत्येक किलोमीटर पर आपको न केवल धूल और धूप का सामना करना होगा, बल्कि थकान का भी सामना करना होगा। हर 10 किलोमीटर पर हाइड्रेशन पॉइंट, भोजन और चिकित्सा सहायता उपलब्ध होगी।
पहली मैराथन 2018 में आयोजित की गई थी। "द बॉर्डर रन" का आयोजन करने वाली कंपनी, द हेल रेस के संस्थापक और रेस डायरेक्टर विश्वास सिंधु बताते हैं कि इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी। आज, यह दौड़ भारत की सबसे बड़ी और सबसे चुनौतीपूर्ण अल्ट्रा मैराथन बन गई है, जिसमें देश भर से 1,200 से ज़्यादा धावक भाग ले रहे हैं। इस मैराथन में एथलीट 160 किलोमीटर दौड़ेंगे।
जैसलमेर इंडोर स्टेडियम से शुरुआत
यह दौड़ 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे जैसलमेर इंडोर स्टेडियम से शुरू होगी। अगले दिन, 7 दिसंबर को शाम 4 बजे दौड़ का समापन होगा। धावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे सुरक्षा उपाय किए गए हैं। एथलीटों की सुविधा के लिए बारह वाहन उपलब्ध रहेंगे। शौचालय और चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं। विश्वास ने सलाह दी कि धावकों को केवल दौड़ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
जम्मू के धावक संवित ने 160 किलोमीटर दौड़कर बनाया रिकॉर्ड
2024 में, जम्मू के धावक संवित शर्मा ने 160 किलोमीटर की दौड़ 16 घंटे 10 मिनट में पूरी करके एक नया रिकॉर्ड बनाया। उनके नाम भारत में 161 किलोमीटर का राष्ट्रीय रोड रनिंग रिकॉर्ड भी है। संवित ने कहा, "जब मैंने पहली बार बॉर्डर रन के बारे में सुना, तो मुझे इसका मतलब समझ नहीं आया। लेकिन जब मैं लोंगेवाला की धरती पर दौड़ा, तो मुझे लगा कि मैं सिर्फ़ दौड़ नहीं रहा, बल्कि एक मिशन पर हूँ।"
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