राजस्थान के जलदाय विभाग में कई वर्षों से कनिष्ठ अभियंताओं के बड़ी संख्या में पद रिक्त पड़े हैं। इससे पेयजल परियोजनाओं का संचालन काफी प्रभावित हो रहा है। अभियंताओं की कमी के कारण पेयजल का सुचारू वितरण भी बाधित हो रहा है और साथ ही योजनाओं के निर्माण में भी देरी हो रही है। यही कारण है कि लाखों लोग प्रतिदिन पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। इसी बीच, सरकार ने इन महत्वपूर्ण पदों को भरने के लिए भर्तियाँ जारी की हैं।
सहायक अभियंताओं की भर्ती
बता दें कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने राज्य भर में संविदा के आधार पर 1050 सहायक अभियंताओं की भर्ती निकाली है। इसके बाद जल वितरण व्यवस्था तो सुचारु होगी ही, साथ ही चल रही और भविष्य की परियोजनाओं का भी सुचारू संचालन हो सकेगा। इतना ही नहीं, इस पहल के बाद बुनियादी ढाँचे की चुनौतियों का समाधान होने के साथ-साथ सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। बता दें कि अकेले बाड़मेर जिले में कनिष्ठ अभियंताओं के 38 में से 13 पद रिक्त हैं और इसके साथ ही बालोतरा में 22 में से 17 पद रिक्त हैं।
पेयजल परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति
राजस्थान के शहरों और कस्बों की बात करें तो यहाँ पेयजल आपूर्ति की स्थिति लंबे समय से खराब है। शहरी और ग्रामीण जल योजनाओं में व्यवधान का कारण इंजीनियरिंग के रिक्त पद हैं। नागरिक वर्षों से इन पदों को भरने की मांग कर रहे हैं और इस बीच, आगामी नियुक्तियों से इस स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
कनिष्ठ अभियंताओं की भूमिका और ज़िम्मेदारियाँ
पेयजल परियोजनाओं के संचालन में कनिष्ठ अभियंताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्हें जमीनी स्तर पर जल आपूर्ति परियोजनाओं का प्रबंधन और संचालन करना होता है। इसके साथ ही, उन्हें टूटी हुई पाइपलाइनों की मरम्मत और सुचारू जल प्रवाह सुनिश्चित करना होता है। इतना ही नहीं, वंचित क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए नई परियोजनाएँ भी तैयार करनी होती हैं।
पात्रता और मानदेय
सहायक अभियंता पदों के लिए आवेदकों के पास बीई (सिविल या मैकेनिक), डिप्लोमा (सिविल या मैकेनिक या इलेक्ट्रिकल) होना चाहिए। साथ ही, आपको बता दें कि उम्मीदवारों को हर महीने 16900 रुपये दिए जाएँगे।
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