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संत की चादर में छिपा दरिंदा! 'डॉक्टर डेथ' दयादास बनकर जी रहा था आलिशान जिंदगी, यहां जाने पूरी इनसाइड स्टोरी

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डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात 50 से अधिक हत्याओं का आरोपी देवेंद्र शर्मा अपनी पहचान छिपाकर गुढ़ाकटला के रामेश्वर धाम मंदिर में साधु के वेश में आलीशान जिंदगी जी रहा था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक दिन पहले जब देवेंद्र को गुढ़ाकटला से गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में सजा काटते हुए वर्ष 2023 में पैरोल जंप करने के मामले का खुलासा किया तो स्थानीय लोग हैरान रह गए कि उनके बीच एक खूंखार अपराधी रह रहा है। देवेंद्र गुढ़ाकटला के आश्रम में अपनी पहचान छिपाकर संत दयादास महाराज बनकर आलीशान जिंदगी जी रहा था। उसने मंदिर में अपने आवास पर एसी, आरओ, वाटर कूलर, वाईफाई, सीसीटीवी आदि सभी सुविधाएं लगवा रखी थीं। लोगों के बीच विश्वास हासिल करने के लिए वह वृद्धाश्रम खोलने जा रहा था, जिसका उद्घाटन 25 मई को प्रस्तावित था। इसके लिए उसने एक मकान किराए पर ले रखा था और वृद्धाश्रम के लिए बेड, तीन एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, वाईफाई, कुर्सी, मेज, सोफा आदि की व्यवस्था कर रखी थी। वह स्थानीय नेताओं के साथ संत बनकर सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेता था। आध्यात्मिक प्रवचन देकर लोगों को प्रभावित करता था और सीएम से वृद्धाश्रम का उद्घाटन करवाने की बात कहता था।

लोगों का इलाज भी करता था
सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा गुढ़ाकटला मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर अपना क्लीनिक चलाता था और लोगों का इलाज भी करता था। संत के इलाज को कारगर मानकर लोग उसके पास इलाज के लिए आते थे, जिनसे वह मोटी रकम वसूलता था। वह जयपुर से आने वाली बस में दवाइयां भी मंगवाता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि दयादास महाराज से इलाज करवाने वाले पांच-छह लोगों की मौत भी हो चुकी है।

सेवा पूजा के बहाने रुका था
दो साल पहले वह गुढ़ाकटला कस्बे में बांदीकुई रोड स्थित रामेश्वर धाम मंदिर में सेवा पूजा के बहाने रुका था। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर में पुजारी नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को ही पूजा करवानी पड़ रही थी, जिसके कारण ग्रामीणों को भी पुजारी की तलाश थी। ऐसे में देवेंद्र ने मंदिर में रहकर पूजा-पाठ करने और सांसारिक जीवन से मुक्त होकर संत जैसा जीवन जीने की इच्छा जताई तो स्थानीय लोगों ने उसे मंदिर में रहने की इजाजत दे दी। धीरे-धीरे संत ने अपने जीवन को भौतिक संसाधनों से भरना शुरू कर दिया और मंदिर में धार्मिक आयोजन करते हुए स्थानीय लोगों पर अपना प्रभाव जमा लिया। भगवान के प्रति उसके प्रेम को देखकर लोग भ्रमित हो गए।

तीन दशक पहले बांदीकुई में रहता था
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी देवेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का स्थायी निवासी है। उसके पिता बिहार के सिवान में एक दवा कंपनी में काम करते थे। 1984 में देवेंद्र ने बिहार से बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री हासिल की। 1985 में वह बांदीकुई आ गया और सोनी मार्केट में जनता क्लीनिक शुरू किया, बाद में सिकंदरा रोड पर शिफ्ट हो गया। उसने करीब 11 साल तक क्लीनिक चलाया। साल 1992 में आरोपी ने अपनी पत्नी शिखा शर्मा के नाम से जीवन बीमा एजेंट की एजेंसी भी ली, जिसमें उसने खूब पैसा कमाया। 1994 में गैस डीलरशिप घोटाले में 11 लाख रुपये की ठगी के बाद वह आर्थिक रूप से परेशान हो गया था। 1995 में वह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया और कथित तौर पर एक फर्जी गैस एजेंसी चलाने लगा।

125 अवैध किडनी प्रत्यारोपण
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी देवेंद्र ने 1998 से 2004 के बीच 125 से अधिक अवैध किडनी प्रत्यारोपण किए, जिससे उसे हर प्रक्रिया के लिए 5 से 7 लाख रुपये की कमाई हुई। उसने बिचौलिए के रूप में काम किया और डॉ. अमित के लिए डोनर की व्यवस्था की। अवैध किडनी रैकेट के सिलसिले में देवेंद्र को 2004 में गुड़गांव में गिरफ्तार किया गया था।

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