हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 पेपर लीक मामले की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री के फैसले समेत भर्ती से जुड़ी पूरी फाइल देखी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक रूप से पूछा, सरकार अपने फैसले को सही बता रही है। भविष्य में एसओजी की जांच में 300-400 लोग पकड़े गए तो क्या करेंगे? इस पर सरकार ने जवाब दिया, मौजूदा हालात में बेहतर फैसला लिया गया, भविष्य में क्या होगा, पता नहीं। कोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। अब प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से पक्ष रखा जाएगा।
न्यायाधीश समीर जैन ने गुरुवार को इस मामले में कैलाश चंद्र शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की। गुरुवार को प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के नकल करने की आशंका थी। अभी तक केवल 53 पकड़े गए हैं और उन्हें हटा दिया गया है।
भर्ती को लेकर राज्य सरकार का निर्णय स्पष्ट नहीं है
सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को चुनौती नहीं दी गई है। इसलिए याचिका खारिज की जाए। अदालत ने कहा कि आरपीएससी के सदस्यों, पेपर माफिया और हार्डकोर अपराधियों को इस मामले से अलग नहीं किया जा सकता। भर्ती को लेकर राज्य सरकार का निर्णय अभी भी स्पष्ट नहीं है, जो याचिकाकर्ताओं के पक्ष में है।
भर्ती में दोषी पाए गए लोगों को हटा दिया गया है
महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि भर्ती में दोषी पाए गए लोगों को हटा दिया गया है और आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है। आज की स्थिति में भर्ती रद्द नहीं की जा सकती।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 पेपर लीक मामले की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री के फैसले समेत भर्ती से जुड़ी पूरी फाइल देखी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक रूप से पूछा, सरकार अपने फैसले को सही बता रही है। भविष्य में एसओजी की जांच में 300-400 लोग पकड़े गए तो क्या करेंगे? इस पर सरकार ने जवाब दिया, मौजूदा हालात में बेहतर फैसला लिया गया, भविष्य में क्या होगा, पता नहीं। कोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। अब प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से पक्ष रखा जाएगा।
न्यायाधीश समीर जैन ने गुरुवार को इस मामले में कैलाश चंद्र शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की। गुरुवार को प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के नकल करने की आशंका थी। अभी तक केवल 53 पकड़े गए हैं और उन्हें हटा दिया गया है।
भर्ती को लेकर राज्य सरकार का निर्णय स्पष्ट नहीं है
सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को चुनौती नहीं दी गई है। इसलिए याचिका खारिज की जाए। अदालत ने कहा कि आरपीएससी के सदस्यों, पेपर माफिया और हार्डकोर अपराधियों को इस मामले से अलग नहीं किया जा सकता। भर्ती को लेकर राज्य सरकार का निर्णय अभी भी स्पष्ट नहीं है, जो याचिकाकर्ताओं के पक्ष में है।
भर्ती में दोषी पाए गए लोगों को हटा दिया गया है
महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि भर्ती में दोषी पाए गए लोगों को हटा दिया गया है और आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है। आज की स्थिति में भर्ती रद्द नहीं की जा सकती।
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