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शिक्षा विभाग में डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली, जानें शिक्षा मंत्री का ये बड़ा बयान

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बीकानेर न्यूज़ डेस्क, प्रदेश में उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों की दशा काफी खराब है। उच्च प्राथमिक विद्यालय तो अधिकतर एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह हालात कार्मिकों की संख्या के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े महकमे शिक्षा विभाग का है। प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा में रि€क्त पदों का आंकड़ा तकरीबन डेढ़ लाख को पार कर चुका है।

सरकारी स्कूलों में 25 अक्टूबर से दीपावली अवकाश शुरू हो गया है। दिसंबर में अर्ध वार्षिक परीक्षाएं शुरू होगी। ऐसे में शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाएगा। हालात बिगड़ने का प्रमुख कारण एक साथ प्रदेश के सैकड़ों विद्यालयों को क्रमोन्नत करने को माना जा रहा है। पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के 3828 माध्यमिक विद्यालयों को एक साथ उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत कर दिया। इनके लिए आवश्यक विषय व्याख्याताओं और वरिष्ठ शिक्षकों की कोई व्यवस्था नहीं की।

माध्यमिक शिक्षा में साढ़े तीन लाख पद स्वीकृत

शिक्षा विभाग में निदेशक से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के अधिकारी एवं कार्मिकों के साढ़े तीन लाख से अधिक पद स्वीकृत हैं। निदेशक को छोड़कर किसी भी श्रेणी के शत-प्रतिशत पद भरे हुए नहीं हैं। माध्यमिक शिक्षा में 370891 स्वीकृत पदों पर 245895 कार्मिक ही कार्यरत हैं। यानी एक लाख 24 हजार 996 पद रिक्त हैं। प्रारंभिक शिक्षा में 25 हजार से अधिक शिक्षकों के लेवल प्रथम व द्वितीय के पद रिक्त हैं।
केस 1- सेवड़ा बलॉक  के राउमावि भंवरिया में 286 विद्यार्थियों का नामांकन है। यहां पर शिक्षकों के 18 पद स्वीकृत हैं। कार्यरत तीन ही शिक्षक हैं। पाठयक्रम पूरा नहीं हो पा रहा है।
केस 2 – फागलिया बलॉक  के राउमावि 2014 में क्रमोन्नत हुआ। इसमें शिक्षकों के 22 पद स्वीकृत हैं। जबकि कार्यरत केवल चार हैं। यहां 380 विद्यार्थियों का नामांकन है।

दो साल में भरेंगे पद
शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। अगले दो साल में विभाग में एक भी पद रिक्त नहीं रहने दिया जाएगा। स्वीकृत सभी पद भरने के साथ आवश्यक नए पद भी सृजित किए जाएंगे।


मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री
शिक्षकों के पद  होने के कारण समय पर पाठ्यक्रम पूरा नहीं होता। अगर समय-समय पर डीपीसी होती रही, तो काफी हद तक रिक्त पदों की समस्या का समाधान हो सकता है। सरकार को शिक्षकों के साथ अन्य श्रेणी के कार्मिकों के पद भी समय पर भरने चाहिए।

 

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