सीकर में 19 माह देरी से जारी मास्टर प्लान के प्रारूप से सैकड़ों परिवारों की चिंता बढ़ गई है। एक तरफ नगर नियोजन विभाग मास्टर प्लान तैयार करने में जुटा रहा। दूसरी तरफ नगर सुधार न्यास भी नई कॉलोनियों को मंजूरी देता रहा। अब मास्टर प्लान में इनमें से कई क्षेत्रों को सुविधा क्षेत्र दर्शाया गया है। इससे ये परिवार काफी परेशानी में हैं।दूसरी तरफ सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बिना मंजूरी के कॉलोनियों में प्लॉट ले रखे हैं। वहां भी आवासीय क्षेत्र घोषित नहीं होने से लोगों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। इसके अलावा जयपुर रोड समेत दस मार्गों की चौड़ाई बढ़ाने से भी लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं हैं। नगर नियोजन विभाग की ओर से पिछले मास्टर प्लान की भी समीक्षा की जा चुकी है। इसमें कई तरह की खामियां सामने आई हैं। जानकारों का कहना है कि अगर इन खामियों को अभी दुरुस्त नहीं किया गया तो भविष्य में शहरवासियों के साथ प्रशासन की चुनौती बढ़नी तय है।
दो दिन में 25 से अधिक आपत्तियां दर्ज
मास्टर प्लान को लेकर दो दिन में 25 से अधिक आपत्तियां दर्ज की गई हैं। कई लोगों ने सड़कों को लेकर तो कई लोगों ने सुविधा क्षेत्र को लेकर आपत्तियां दर्ज की हैं। 30 दिन में दर्ज की गई आपत्तियों को नगर नियोजन विभाग को भेजा जाएगा। इनकी समीक्षा के बाद मास्टर प्लान जारी किया जाएगा।
आवासीय क्षेत्र: सड़क किनारे अधिक कॉलोनियां
मास्टर प्लान की समीक्षा में बताया गया कि शिक्षा क्षेत्र होने के कारण सीकर शहर के आसपास के क्षेत्रों में तेजी से बसावट हुई है। लेकिन अधिकांश बसावट बाईपास और विभिन्न गांवों व ढाणियों को जाने वाले मार्गों पर हुई है। इसके कारण मास्टर प्लान की पालना नहीं हो पाई है। मास्टर प्लान की समीक्षा में बताया गया कि बाईपास का निर्माण भी मास्टर प्लान के प्रस्तावित एलाइनमेंट के अनुसार नहीं हुआ है।
बाजार: योजनाबद्ध तरीके से विकसित नहीं हो पा रहे
शिक्षानगरी में सड़क किनारे बाजार भी बढ़ रहे हैं, लेकिन बड़े शहरों की तरह सुनियोजित बाजारों का अभी भी अभाव है। समीक्षा में सामने आया कि अधिकांश बाजारों में पार्किंग की कमी है। इससे शहर में जाम की समस्या भी बढ़ती जा रही है। पिछले मास्टर प्लान में 153 हेक्टेयर भूमि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए प्रस्तावित थी। लेकिन 2023 तक 168 हेक्टेयर भूमि पर बाजार विकसित हो गया।
रीको: औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हो पा रहा
विशेषज्ञों के अनुसार शहर में औद्योगिक क्षेत्र भी तेजी से विकसित नहीं हो पा रहा है। पिछले मास्टर प्लान में औद्योगिक क्षेत्र के लिए 149 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित थी। लेकिन औद्योगिक क्षेत्र के लिए सिर्फ 27 हेक्टेयर भूमि ही विकसित हो पाई। नए रीको की स्थापना नहीं होने से औद्योगिक इकाइयां विकसित नहीं हो पा रही हैं।
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