बिहार। चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर प्रदेश की राजनीति उबाल पर है। केंद्र सरकार द्वारा कराए जा रहे इस पुनरीक्षण के विरोध में महागठबंधन ने आज बिहार बंद का ऐलान किया, जिसका असर राजधानी पटना से लेकर प्रदेश के तमाम जिलों में देखा जा रहा है।
बंद के समर्थन में सड़कों पर महागठबंधन के सभी प्रमुख घटक दल उतर आए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव इस आंदोलन में एक साथ दिखाई दे रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि विपक्ष अब आगामी विधानसभा चुनाव से पहले संवेदनशील मुद्दों पर सरकार को घेरने के मूड में है।
राहुल गांधी आज बिहार दौरे पर विशेष रूप से एक दिन के लिए पटना पहुंचे हैं। वे राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर जाकर अपनी मांगों को औपचारिक रूप से प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को जनविरोधी और असंवैधानिक करार दिया है, जिसमें गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के नाम काटे जाने का खतरा बताया गया है।
पटना में डाक बंगला चौराहा से मुख्यमंत्री आवास तक का इलाका प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। बावजूद इसके, महागठबंधन के कार्यकर्ता इनकम टैक्स गोलंबर से बीजेपी दफ्तर होते हुए चुनाव आयोग तक मार्च करने की योजना पर अडिग हैं। इस मार्च में विपक्ष ने इसे जन अधिकार यात्रा की संज्ञा दी है।
इस बंद के दौरान कई स्थानों पर सड़कें जाम की गईं, ट्रेनें रोकी गईं और आगजनी कर विरोध जताया गया। टायर जलाकर, झंडे लहराकर और नारे लगाकर कार्यकर्ताओं ने अपना आक्रोश जताया। विरोध का केंद्र बिंदु यह है कि केंद्र सरकार मतदाता सूची की आड़ में जनसंख्या विशेष को मतदान से वंचित करने की साजिश रच रही है।
प्रशासन ने पूरे पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। संवेदनशील इलाकों में मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किए गए हैं। बावजूद इसके, बंद की राजनीतिक तपिश पूरे राज्य में महसूस की जा रही है।